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मांगों को लेकर एग्रो इनपुट डीलर्स एसोसिएशन ने सीएम को भेजा ज्ञापन

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औरैया। शनिवार को एग्रो इनपुट डीलर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों व सदस्यों ने संयुक्त रूप से विभाग द्वारा उनके व्यापारियों के ऊपर किए जा रहे प्रताडना के व्यवहार से परेशान होकर मुख्यमंत्री को सम्बोधित एक ज्ञापन जिलाधिकारी की अनुपस्थिति में खाद्य सुरक्षा अधिकारी को सौंपा। जिसमें उनके द्वारा मांग की गई कि जिस प्रकार से लाइसेंस निरस्त करने एवं निलंबित करने की कार्रवाई की जा रही है उसे रोका जाए। 
शनिवार को एग्रो इनपुट डीलर्स एसोसिएशन के प्रदेश उपाध्यक्ष अनिल शर्मा एवं जिलाध्यक्ष आलोक चतुर्वेदी के नेतृत्व में जनपद के बीज, खाद एवं कृषि दवाओं के व्यापारियों ने ककोर मुख्यालय पर प्रदर्शन करते हुए मुख्यमंत्री को सम्बोधित एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में मांग की गई निर्माता कम्पनियों द्वारा भी उनका शोषण किया जा रहा है जिसे रोका जाए। बताया कि यूरिया 242 से लेकर 245 तक होलसेलर को बिल किया जा रहा है और इस पर केवल चार से पांच रूपए ही भाड़ा दिया जा रहा है जबकि भाड़ा 25 से लेकर 30 रूपए तक आ रहा है। इसके अलावा लोडिंग एवं अनलोडिंग का भी 10 रूपए लग रहा है जबकि भारत सरकार के नियमों के अनुसार सभी खाद रिटेलर के गोदाम तक एफओआर सुविधा के तहत पहुंचनी चाहिए लेकिन कोई भी कंपनी उसे नहीं दे रही है। इसके अलावा 30 से लेकर 40 प्रतिशत तक अन्य उत्पाद भी टैगिंग किया जा रहा है वह जबरन दिया गया है। अन्य उत्पाद व्यापारियों के गोदाम में पड़ा रह जाता है और उसके कारण उनकी लागत बढ़ती जा रही है। ऐसे में सरकार द्वारा निर्धारित दर 255.50 पर यूरिया किसानों को कैसे दी जाए जबकि व्यापारी को नहीं मिल रही है। यही स्थित डीएपी एवं एनपीके आदि की है। ज्ञापन में यह भी मांग की गई कि विभाग द्वारा कीट नाशक की गुणवत्ता पर सवाल उठाकर व्यापारी के खिलाफ लाइसेंस निलंबन और मुकदमे की कार्रवाई की जा रही है जबकि उनकी बिक्री परमीशन लखनऊ से ही होती है और सभी के गोदाम भी वहीं पर है। क्या उनकी वहां बगैर जांच किए परमीशन दी जा रही है। मांग की कि कीटनाशक अधिनियम के तहत व्यापारियों को यह साबित करने के लिए समय दिया जाना चाहिए कि उसने कंपनी के मूल उत्पादन में बिना छेड़छाड़ किए माल बेचा है तो संपूर्ण जबाबदेही निर्माता कंपनी की है न कि विक्रेता की। 
एसोसिएशन ने मांग की कि सरकार और किसानों के साथ हमें फर्टिलाइजर द्वारा निर्धारित रेट में दिलाया जाए और सभी प्रकार की टैंगिग बंद की जाए तथा कार्रवाई व्यापारी पर न होकर केवल निर्माता कंपनी पर की जाए। इस मौके पर मुख्य रूप से पुनीत शर्मा, राजीव शाक्य, सौरभ गुप्ता, महावीर शाक्य, शिवशरन तिवारी, आदित्य पांडेय, रिंकू पाल, मोहित बाजपेई एवं शिवा शाक्य के अलावा आधा सैकड़ा से अधिक व्यापारी मौजूद रहे।

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